हिंदी दिवस का साया, इक दिन की है ये माया
अंग्रेज़ियत के चलते, हिंदी को लंगड़ा पाया
हिंदी की कर के हिंदी, मत पूछ क्या कमाया
हिंदी में बात करना जब स्कूल को न भाया
सादर हमें बुलाया, हिंदी में गीत गाया
अंग्रेज़ी की छवि में हिंदी को पलता पाया
हिंदी की उड़ती खिल्ली ने दिल बहुत दुखाया
खुश हूँ कि बच्चा मेरा इस दौड़ में न आया
अंग्रेज़ियत के चलते, हिंदी को लंगड़ा पाया
हिंदी की कर के हिंदी, मत पूछ क्या कमाया
हिंदी में बात करना जब स्कूल को न भाया
सादर हमें बुलाया, हिंदी में गीत गाया
अंग्रेज़ी की छवि में हिंदी को पलता पाया
हिंदी की उड़ती खिल्ली ने दिल बहुत दुखाया
खुश हूँ कि बच्चा मेरा इस दौड़ में न आया
वाह....अतिसुन्दर महोदय :) अंतिम पंक्तियाँ दिल को छू गयीं .....!
ReplyDeleteशुक्रिया राहुल :))
ReplyDelete