यूँ न होगी अब बसर तन्हा ख़ुदा के वास्ते
वक़्त है तू कर फ़िदा ये जां किसी के वास्ते
लोग कहते हैं कहेंगे, कुछ भी कर के देख लो
ख़ुद को जीतो ग़र जो चाहो तो खुशी के वास्ते
इस सफ़र में गर्द होगी धूप होगी बे-शुमार
सोच लो चलने से पहले, ज़िन्दगी के वास्ते
वाइज़ की सुन के बात जो निकले नमाज़ को
पहुँचे दर-ए-जानां पे हम दिलबरी के वास्ते
पड़ गए जो इश्क़ में तो हो गई उसकी नज़र
साँसें जो बची हैं वो हैं अब बस उसी के वास्ते
वक़्त है तू कर फ़िदा ये जां किसी के वास्ते
लोग कहते हैं कहेंगे, कुछ भी कर के देख लो
ख़ुद को जीतो ग़र जो चाहो तो खुशी के वास्ते
इस सफ़र में गर्द होगी धूप होगी बे-शुमार
सोच लो चलने से पहले, ज़िन्दगी के वास्ते
वाइज़ की सुन के बात जो निकले नमाज़ को
पहुँचे दर-ए-जानां पे हम दिलबरी के वास्ते
पड़ गए जो इश्क़ में तो हो गई उसकी नज़र
साँसें जो बची हैं वो हैं अब बस उसी के वास्ते
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