दो पत्ते,
एक हरा एक सूखा,
एक पेड़ पर रहते थे ।
हरा सूखे की ओट में पैदा हुआ,
पक कर जवान हुआ ।
पेड़ को पालने के ग़ुरूर में,
हवा में खूब झूमता था ।
सूखा पत्ता हवा में घबराता था,
पेड़ को कस के पकड़ लेता ।
एक दिन बारिश के साथ, तेज़ हवा चली ।
हरा पत्ता नहाकर खूब नाचा ।
सूखे पत्ते को 'हार्ट अटैक' आया,
वो मर गया ।
Kayee baar do patte ek doosre se alag bhi ho jaate hain....Ped bus dekhta rehta hai..Kuch kar nhi paata.. Dil ka dard sabko hits hai..Patton ko bhi. Ped ko bhi!!
ReplyDeletebeshaq.. another perspective.. though relevant for hum-umr patte..
ReplyDeleteHum umr zaroori nhi .. :)
ReplyDeleteDeep! Pattoṅ ki kahani mein insaanoṅ ka dard hai!
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