1. जाने क्या वक्त है क्या दौर है जीने के लिए /
ज़िंदगी रेत सी, हाथों से फ़िसल जाएगी
2. ख़त्म होता नहीं, सदियों का सफ़र सड़कों पर /
एक दिन चीख भी, इस शोर में दब जाएगी
3. ग़ालिबन ज़ौक-ए-दुआ में है तसव्वुर की कमी /
ज़िन्दगी धूप में कोहरे सी पिघल जाएगी
4. जब तलक सीने में चलती हैं ये साँसें बेहतर /
है यकीं फिर भी कि इक रोज़ कज़ा आएगी
5. हैं ख़तावार कि इन आँखों में अब चैन कहाँ /
ख़्वाब दिखते हैं कि जब आँखों में नींद आएगी
6. सब्र होता नहीं अब और ज़माने से कहो /
मौत ज़ालिम है, बग़ावत पे उतर आएगी
7. साज़ नासाज़ है जीवन का मगर होश नहीं /
किस तरह सुर में ये अब शोख़ ग़ज़ल गाएगी
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