ये दफ़्तर, ये अफ़सर, ये सरकारी दुनिया
ख़ुशामद के मारे नवाबों की दुनिया
ये बिकते हुए तस्लीमातों की दुनिया
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है ।
मुरदार ईमान, दुश्वार हालत
चाय के प्यालों की बेकल मसाफ़त
फ़ाइलों पे फैली जिरह की हुक़ूमत
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है ।
तरक्की का लालच, बाबू की ताक़त
किताबों में लिक्खे नियम की हिफ़ाज़त
हर्फ़-ए-मलामत, अफ़्सर की मेहनत
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है ।
नहले पे दहला है इनकी अदालत
सत्ता के गलियारों की है इबादत
हुनर है यां हैरान, बेघर सदाकत
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है ।
ख़ुशामद के मारे नवाबों की दुनिया
ये बिकते हुए तस्लीमातों की दुनिया
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है ।
मुरदार ईमान, दुश्वार हालत
चाय के प्यालों की बेकल मसाफ़त
फ़ाइलों पे फैली जिरह की हुक़ूमत
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है ।
तरक्की का लालच, बाबू की ताक़त
किताबों में लिक्खे नियम की हिफ़ाज़त
हर्फ़-ए-मलामत, अफ़्सर की मेहनत
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है ।
नहले पे दहला है इनकी अदालत
सत्ता के गलियारों की है इबादत
हुनर है यां हैरान, बेघर सदाकत
ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है ।