ज़िन्दगी की तीन पत्ती आओ खेलें
'ऊँ साईं राम' की बूटी डालें
खेल में अब हार क्या और जीत कैसी
जिसने जैसी बाज़ी खेली उसकी वैसी
जीतनी है जंग तो पत्ते लगाना सीख
पाल ले कोई हुनर, न देगा कोई भीख
'ऊँ साईं राम' की बूटी डालें
खेल में अब हार क्या और जीत कैसी
जिसने जैसी बाज़ी खेली उसकी वैसी
जीतनी है जंग तो पत्ते लगाना सीख
पाल ले कोई हुनर, न देगा कोई भीख
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