Monday, 9 November 2020

कोविड-19

 मौत का तसव्वुर है

या जिए जाने की ख़्वाहिश 

कुछ तो है जो ठहर गया है 

पत्थर पहाड़ पानी पगडंडियों से घूमती हुई 

टेढ़े-मेढ़े रस्तों से

फुटबॉल की तरह लुड़कती हुई ज़िंदगी 

अपने ही 'हैल्थ पैरामीटर्स' पर आ के टिक गई है 

शायद आगे लुड़कने का रास्ता तलाशती है

मौसम का हाल अच्छा नहीं लग रहा 

सफ़र तवील होगा।



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