मौत का तसव्वुर है
या जिए जाने की ख़्वाहिश
कुछ तो है जो ठहर गया है
पत्थर पहाड़ पानी पगडंडियों से घूमती हुई
टेढ़े-मेढ़े रस्तों से
फुटबॉल की तरह लुड़कती हुई ज़िंदगी
अपने ही 'हैल्थ पैरामीटर्स' पर आ के टिक गई है
शायद आगे लुड़कने का रास्ता तलाशती है
मौसम का हाल अच्छा नहीं लग रहा
सफ़र तवील होगा।
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