वक़्त औ' नज़र में महात्मा हैं
हम और आप भी तो आत्मा हैं
आओ जिला लें उस सोच को
वक़्त है अभी, यही प्रार्थना है
क्या मुँह दिखलाओगे उसको
असैस्मैंट करने वाला परमात्मा है
और तो क्या, चल डूब जाते हैं
दरिया पार भी तो करना है
हम और आप भी तो आत्मा हैं
आओ जिला लें उस सोच को
वक़्त है अभी, यही प्रार्थना है
क्या मुँह दिखलाओगे उसको
असैस्मैंट करने वाला परमात्मा है
और तो क्या, चल डूब जाते हैं
दरिया पार भी तो करना है
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