सच बोलने को जी करता है
अपने आप से डरता हूँ ।
धुन इक नई सवार हुई है
चैन की बंसी बजाता हूँ ।
मोहब्बत का दिया जल रहा है
खुद को फिर जलाता हूँ ।
दिल का नगर फिर सुनसान है
लिखने में ध्यान लगाता हूँ ।
मायूसियों का इस कदर बोलबाला है
बच्चे पे हाथ उठाता हूँ ।
अपने आप से डरता हूँ ।
धुन इक नई सवार हुई है
चैन की बंसी बजाता हूँ ।
मोहब्बत का दिया जल रहा है
खुद को फिर जलाता हूँ ।
दिल का नगर फिर सुनसान है
लिखने में ध्यान लगाता हूँ ।
मायूसियों का इस कदर बोलबाला है
बच्चे पे हाथ उठाता हूँ ।