Friday 13 May 2016

झूठ पकड़ा गया

झूठ पकड़ा गया

“ और फिर भेड़िये ने मेमने से कहा – मैं तुम्हें खा जाऊँगा I”
“पापा कोई और कहानी सुनाओ न I आप फिर से खिच खिच वाली कहानी सुनाने लगे “
मेरी ५ वर्षीय बेटी ने थोडा रूठते हुए कहा I
“अच्छा चलो आज आपको एक लड़की की कहानी सुनाते  हैं I”
“हाँ, ठीक है! लड़की वाली कहानी सुनाओ” वो खुश होते हुए बोली I
“एक बार एक लड़की थी – उसका नाम था – मटिल्डा I वो बहुत झूठ बोलती थी I झूठ बोलकर हमेशा लोगों को परेशान किया करती थी I”
मैंने कहानी सुनानी शुरू की I मेरी बेटी बहुत ध्यान से मेरे बाज़ू को सिरहाना बनाकर मुझे ताक रही थी I
“ मटिल्डा झूठमूठ कुछ बोलकर लोगों को बेवक़ूफ़ बना देती थी और फिर उन को परेशान देखकर हँसती थी I”
“एक बार वो बोली – शेर आया  शेर आया  शेर आया I”  “ सब लोग घबरा गए और अपनी भेड़ बकरियाँ हाँक कर सुरक्षित स्थान पैर ले गए I थोड़ी देर में लोगों ने देखा शेर तो आया ही नहीं- मटिल्डा झूठ बोल रही थी I सब लोग बहुत परेशान हुए और उनको परेशान देखकर मटिल्डा ने सबका बहुत मज़ाक उड़ाया I उन लोगों को बहुत बुरा लगा I”
मैंने देखा मेरी बच्ची खिलखिला के हँस रही थी I मैंने कहानी आगे सुनानी शुरू की I
‘अगले दिन फिर मटिल्डा ने शोर मचाया – ‘शेर आया शेर आया शेर आया’ I
सब लोग फिर घबरा गए और भेड़ बकरियों को सँभालने लगे I मटिल्डा फिर हँसती  हुई आयी और लोगों की घबराहट का मज़ाक उड़ाने लगी I
अबकी बार मेरी बच्ची भी अपनी हँसी  रोक नहीं पा रही थी I
हँसते-हँसते बोली - ‘फिर क्या हुआ ?’
‘फिर! फिर एक दिन उस गाँव में सच में शेर आ गया’
मैंने देखा वो सहम गयी थी I
‘फिर’ ?
‘मटिल्डा ने फिर से शोर मचाया - शेर आया शेर आया शेर आया’ I लेकिन इस बार किसी ने उस पर विश्वास ही नहीं किया और सब अपने अपने काम करते रहे I’ शेर आया और मटिल्डा को खा गया I
‘इस कहानी से हमें क्या पता चलता है’ ? मैंने बच्ची से पूछा I
‘क्या’ ? वो मुझसे पूछने लगी I
मैंने समझाने  के अंदाज़ में कहा – ‘ इससे हमें ये सीख मिलती है कि झूठ कभी नहीं बोलना चाहिए’
‘अगर मटिल्डा झूठ नहीं बोलती तो उसकी जान बच जाती ’
‘समझ में आयी ?- हमें झूठ कभी नहीं बोलना चाहिए’ I
हूँ I उसने कुछ सोचते हुए धीरे से कहा I
में खुश था कि - सदा सच बोलो की नींव मैंने क़ायदे से रखी है I
मेरी बच्ची अब भी मेरे चेहरे को तक रही थी और कुछ सोच रही थी I
‘पर पापा ? क्या कभी भी झूठ नहीं बोलना चाहिए’ ?
सवाल ने मुझे झकझोर दिया I मेरे पास उसका कोई जवाब नहीं था I
ये संशय तब कहा था जब मैंने अपने पापा से बिलकुल यही कहानी सुनी थी I
मेरे झूठ पकड़े जा चुके थे I

.... I